आजकल हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसका खुद का घर हो। भारत में घर के साथ इमोशनल कनेक्शन भी जुड़ा होता है, लेकिन क्या करियर की शुरुआत में फ्लैट खरीदना सही कदम है? बहुत से लोग पहली नौकरी मिलते ही होम लोन लेकर फ्लैट खरीदने का बड़ा फैसला कर लेते हैं। हालांकि, यह आर्थिक रूप से तर्कसंगत नहीं हो सकता। विशेषज्ञों के अनुसार, घर खरीदने की बजाय किराये पर रहना और अपनी बचत को निवेश में लगाना अधिक फायदेमंद साबित हो सकता है।
किराये पर रहकर निवेश से बन सकते हैं करोड़पति
अगर आप 50 लाख रुपये का फ्लैट खरीदने की बजाय उसे किराये पर लेते हैं, तो आपके पास हर महीने बड़ी बचत होगी। उदाहरण के तौर पर, 2BHK फ्लैट का किराया करीब 15-17 हजार रुपये हो सकता है, जबकि फ्लैट खरीदने पर आपको 20 साल तक हर महीने लगभग 38,688 रुपये की EMI भरनी होगी। किराये पर रहते हुए आप हर महीने बचाए गए पैसों को सही निवेश में लगाकर करोड़ों का फंड बना सकते हैं।
SIP में निवेश से जबरदस्त रिटर्न
अगर आप हर महीने बचाए गए 21 हजार रुपये को म्यूचुअल फंड में SIP के जरिए निवेश करते हैं, तो 12-15% के औसत रिटर्न पर आप 20 साल में 3-5 करोड़ रुपये तक जमा कर सकते हैं। साथ ही, अगर आपने फ्लैट खरीदने के लिए जो 12 लाख रुपये डाउन पेमेंट और अन्य खर्चों के लिए रखा था, उसे भी निवेश करते हैं, तो यह राशि भी 20 साल में करोड़ों तक पहुंच सकती है।
घर खरीदने का नुकसान
घर खरीदने पर आपको होम लोन के साथ 20 साल तक EMI का बोझ उठाना पड़ेगा। इसके अलावा, भारत में रियल एस्टेट की कीमतें सालाना 8% के हिसाब से बढ़ती हैं, जिससे 50 लाख का घर 20 साल बाद लगभग 2.33 करोड़ रुपये का हो जाएगा। हालांकि, पुरानी संपत्ति की कीमत घटने का भी खतरा रहता है, जबकि निवेश पर मिलने वाले रिटर्न लगातार बढ़ सकते हैं।
किराये पर रहकर फ्रीडम और फ्लेक्सिबिलिटी
किराये पर रहने से आपको न सिर्फ आर्थिक आजादी मिलती है, बल्कि करियर में भी फ्लेक्सिबिलिटी रहती है। आप नौकरी के अनुसार शहर बदल सकते हैं, और किसी एक जगह पर बंधने की जरूरत नहीं होती। इसके अलावा, किराया देने के बाद भी आपके पास निवेश करने के लिए पर्याप्त बचत रहती है, जो आपको भविष्य में मजबूत आर्थिक स्थिति में रख सकती है।
अगर घर खरीदना है तो क्या करें?
यदि आप 7-8 साल तक किसी शहर में स्थायी रूप से रहने का प्लान बना रहे हैं, तभी फ्लैट खरीदें। और अगर रियल एस्टेट में निवेश करना है, तो बड़े शहरों के फ्लैट्स के बजाय टीयर-2 या टीयर-3 शहरों में जमीन खरीदना बेहतर रिटर्न दे सकता है। ध्यान रहे, आपकी सैलरी का अधिकतम 25% हिस्सा ही EMI में जाना चाहिए, ताकि अन्य निवेश और खर्चों पर बोझ न पड़े।
घर खरीदने से बेहतर है कि आप किराये पर रहें और अपने बचत को निवेश करें। इस रणनीति से आप न सिर्फ अपनी आर्थिक स्वतंत्रता बनाए रख सकते हैं, बल्कि 20 साल बाद एक घर नहीं, बल्कि दो घर खरीदने लायक भी हो सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि फ्लैट खरीदने का इमोशनल निर्णय हो सकता है, लेकिन निवेश के नजरिए से यह सही कदम नहीं होता।