CGHS Rules Revised: अगर आप केंद्रीय कर्मचारी हैं, तो केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) के नए नियम आपके लिए बेहद उपयोगी हो सकते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में एक कार्यालय ज्ञापन (OM) के माध्यम से सीजीएचएस कार्डधारकों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच और सरल हो गई है। यह कदम लाखों सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है।
क्या है संशोधित नियम?
नए नियमों के तहत, अब CGHS कार्डधारकों को आपातकालीन स्थिति में इलाज के लिए रेफरल की आवश्यकता नहीं होगी। इसका मतलब है कि अगर आपातकालीन स्थिति उत्पन्न होती है, तो आप सीधे कैशलेस इलाज करा सकते हैं। इसके अलावा, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) और टाटा मेमोरियल जैसे देश के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में CGHS लाभार्थी कैशलेस सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
साथ ही, सामान्य परिस्थितियों में सीजीएचएस वेलनेस सेंटर से प्राप्त एक सिंगल रेफरल तीन महीने के लिए वैध रहेगा। इस दौरान लाभार्थियों को तीन विशेषज्ञों से परामर्श करने और अधिकतम छह बार सलाह लेने की अनुमति होगी। इससे पहले लाभार्थियों को हर बार नए रेफरल की जरूरत पड़ती थी, लेकिन अब यह प्रक्रिया आसान हो गई है।
रेफरल की जरूरत कब होगी?
हालांकि, 3,000 रुपये से अधिक लागत वाले विशेष टेस्ट के लिए रेफरल जरूरी होगा। इसके अलावा अगर किसी प्रक्रिया के लिए अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता होती है, तो उसके लिए भी पूर्व मंजूरी लेनी होगी। लेकिन छोटी प्रक्रियाओं और नियमित जांच के लिए, तीन महीने की रेफरल अवधि के दौरान किसी अतिरिक्त मंजूरी की जरूरत नहीं पड़ेगी।
आयु सीमा में बदलाव
सरकार ने इन सेवाओं तक पहुंच के लिए पात्रता की आयु सीमा भी घटाकर 70 वर्ष कर दी है, जो पहले 75 वर्ष थी। इस बदलाव से अधिक लाभार्थियों को लाभ मिलने की संभावना है और उन्हें पहले से अधिक सरलता से स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हो सकेंगी।
सीजीएचएस क्या है?
CGHS एक स्वास्थ्य बीमा योजना है, जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों और उनके परिवारों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती है। इसके तहत लाभार्थी देश के किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल या डिस्पेंसरी में कैशलेस इलाज करा सकते हैं।