जब भी रॉ एजेंट्स (Research and Analysis Wing) की बात होती है, तो हमारे मन में जेम्स बॉन्ड जैसे किरदार की छवि उभरती है। भारत की यह प्रमुख खुफिया एजेंसी देश की सुरक्षा के लिए बेहद अहम काम करती है और इसमें काम करने वाले एजेंट्स गुप्त ऑपरेशनों को अंजाम देते हैं। रविंद्र कौशिक, अजीत डोभाल और अनिल धस्माना जैसे नाम इस एजेंसी से जुड़े रहे हैं, जिन्होंने देश के लिए अनगिनत योगदान दिए हैं। अगर आप भी रॉ एजेंट बनने का सपना देख रहे हैं, तो यहां हम रॉ एजेंट बनने की प्रक्रिया, योग्यता और प्रशिक्षण के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
रॉ एजेंट का काम क्या होता है?
रॉ (RAW) एक खुफिया एजेंसी है जिसका पूरा नाम रिसर्च एंड एनालिसिस विंग है। इसकी स्थापना 1968 में की गई थी और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। रॉ का मुख्य कार्य आतंकवाद रोकना, दुश्मनों की जानकारी जुटाना, और देश के बाहर गुप्त ऑपरेशनों को अंजाम देना होता है। यह एजेंसी सूचना के अधिकार कानून से बाहर है और केवल प्रधानमंत्री को जवाबदेह होती है। रॉ द्वारा किए गए महत्वपूर्ण ऑपरेशनों में ऑपरेशन स्माइलिंग बुद्धा, ऑपरेशन चाणक्य, और ऑपरेशन कैक्टस जैसे गुप्त मिशन शामिल हैं।
रॉ एजेंट बनने की योग्यता
रॉ एजेंट बनने के लिए कुछ खास योग्यताएँ होती हैं, जिनमें से प्रमुख हैं:
- उम्मीदवार का भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है।
- म्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक (Graduation) होना चाहिए।
- उम्मीदवार के पास सरकारी सेवा अनुभव होना चाहिए, खासकर सिविल सेवाओं, आर्मी, पुलिस या इंटेलिजेंस में।
- उम्मीदवार को शारीरिक और मानसिक रूप से फिट होना चाहिए। किसी भी प्रकार की आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं होनी चाहिए।
रॉ में भर्ती की प्रक्रिया
रॉ में सीधी भर्ती नहीं होती है। इसके लिए UPSC सिविल सेवा परीक्षा का रास्ता अपनाया जाता है। सिविल सेवा के उच्च पदों पर नियुक्ति के बाद उम्मीदवार को रॉ में सेवा देने का मौका मिलता है। इसके अलावा, रॉ के लिए उम्मीदवारों को सशस्त्र बलों (Army), IPS, IFS, और IRS के अधिकारियों और जवानों में से भी चुना जाता है। इसके साथ ही आम नागरिकों को भी इसमें लिया जाता है, लेकिन इसके कई सारे मापदंड होते हैं।
ध्यान देने वाली बात ये है की आप कभी भी रॉ को नहीं चुन सकते, रॉ आपको खुद चुनती है, इसमें भर्ती होने के लिए न तो कोई वैकेन्सी निकलती है, न इसके लिए कभी सीधी भर्ती होती है, आप सेना में, पुलिस में, किसी सरकारी विभाग में, IB में भर्ती हो जाएं और ईमानदारी से अपना काम करते रहें तो आप रॉ की निगाह में आ जाएंगे और वो आपको भर्ती कर लेंगे। यही है इसकी भर्ती प्रक्रिया।
रॉ एजेंट की ट्रेनिंग
रॉ एजेंट बनने के बाद उम्मीदवारों को अत्यधिक कठोर और चुनौतीपूर्ण प्रशिक्षण दिया जाता है। ट्रेनिंग दो हिस्सों में बांटी जाती है:
- बेसिक ट्रेनिंग: इसमें मूलभूत ट्रेनिंग होती है, जिसमें जासूसी, सूचना सुरक्षा, आर्थिक और ऊर्जा सुरक्षा, विज्ञान और तकनीक का ज्ञान दिया जाता है।
- एडवांस ट्रेनिंग: इसके बाद उम्मीदवारों को Field Intelligence Bureau (FIB) में भेजा जाता है, जहां 1 से 2 साल तक फील्ड इंटेलिजेंस और गुप्त ऑपरेशन का प्रशिक्षण दिया जाता है। इस दौरान एजेंट्स को सिगरेट ऑपरेशंस, आत्मरक्षा, और अगर पकड़े जाएं तो इंटरोगेशन से बचने के तरीके सिखाए जाते हैं।
रॉ एजेंट की जिम्मेदारियाँ
एक रॉ एजेंट का काम बेहद गुप्त और चुनौतीपूर्ण होता है। उन्हें हमेशा अपने मिशन के लिए तैयार रहना होता है, और कई बार वे अपने परिवार और दोस्तों से अपनी पहचान भी छुपाते हैं। रॉ एजेंट्स को कभी-कभी अपने काम के लिए देश से बाहर भी भेजा जाता है, और उन्हें सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण ऑपरेशनों का हिस्सा बनना होता है।
रॉ एजेंट का वेतन
रॉ एजेंट्स को ₹80,000 से ₹1.3 लाख प्रति महीने तक का वेतन मिलता है, इसके साथ ही उन्हें कई अन्य भत्ते और सुविधाएं भी दी जाती हैं। यह वेतन उनके अनुभव और उनके पद पर निर्भर करता है।
रॉ एजेंट बनना अपने आप में एक गर्व की बात है, लेकिन इसके लिए कड़ी मेहनत, समर्पण और उच्च स्तर की योग्यता की आवश्यकता होती है। अगर आपके अंदर देशभक्ति का जज्बा है और आप चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम करने के लिए तैयार हैं, तो रॉ एजेंट का करियर आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।