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पंचवर्षीय योजना क्या है | 1-13 वीं पंचवर्षीय योजना भारत

पंचवर्षीय योजना भारत सरकार द्वारा देश के आर्थिक विकास के लिए बनाई गई 5 साल की एक योजना होती है। इसका मुख्य उद्देश्य देश के संसाधनों का कुशल उपयोग करके देश के विकास को गति देना होता था। आइए जानते हैं विस्तार से

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By GHS News
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पंचवर्षीय योजनाएं भारत सरकार द्वारा देश के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए 1951 से 2017 तक लागू की गईं। इन योजनाओं का उद्देश्य देश में विकास को सुनियोजित और लक्ष्य-प्राप्त तरीके से बढ़ावा देना था। पहली पंचवर्षीय योजना की शुरुआत 1951 में हुई थी और इसकी अवधि 1951 से 1956 तक थी। इस योजना का लक्ष्य देश में बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करना था। Panchvarsiya Yojana के तहत, देश में सड़कों, रेलवे, बिजली और सिंचाई के विकास पर जोर दिया गया था।

पंचवर्षीय योजना क्या है | 1-13 वीं पंचवर्षीय योजना भारत

12वीं और अंतिम पंचवर्षीय योजना की शुरुआत 2012 में हुई थी और इसकी अवधि 2012 से 2017 तक थी। इस योजना का लक्ष्य देश में समावेशी विकास को बढ़ावा देना था। इस योजना के तहत, देश में गरीबी उन्मूलन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्रों में सुधार पर जोर दिया गया था।

2017 में, केंद्र सरकार ने पंचवर्षीय योजनाओं को बंद कर दिया और इसके स्थान पर नीति आयोग की स्थापना की। नीति आयोग की जिम्मेदारी देश के विकास के लिए नीतियों और कार्यक्रमों का निर्माण करना है।

पंचवर्षीय योजनाओं ने भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन योजनाओं के माध्यम से, भारत ने कृषि, उद्योग, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। हालांकि, पंचवर्षीय योजनाओं की कुछ सीमाएं भी थीं। इन योजनाओं में अकसर लक्ष्य निर्धारित करने और उन लक्ष्यों को प्राप्त करने में देरी की समस्या होती थी। इसके अलावा, इन योजनाओं में राज्य सरकारों की भागीदारी कम थी।

पंचवर्षीय योजना क्या है ?

पंचवर्षीय योजना केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाने वाली विकास हेतु केंद्रीय योजना है। इस केंद्रीय योजना के जरिये हर 5 वर्ष की अवधी के तहत एक निश्चित उद्देश्य निर्धारित किया जाता था। जिसे 5 वर्ष की अवधी के अंतर्गत प्राप्त करना होता था। इससे न केवल उद्देश्य की पूर्ति होती थी बल्कि जिस उद्देश्य के साथ योजना को शुरू किया जाता था, उसके पूरे होने तक देश के संबंधित क्षेत्र का विकास भी हो जाता था।

देश में अर्थव्यवस्था को सुधारना और उसे गतिशील बनाये रखना, कृषि क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देना, औद्योगिक विकास, लोगों को आत्मनिर्भर बनाना जिस से वो सशक्त और मजबूत बन सकें। नए रोजगार के अवसर प्रदान करना व अन्य ऐसे ही उद्देश्यों की पूर्ति करना भी Five Year Plans में शामिल किया गया है।

पंचवर्षीय योजनायें केंद्रीकृत और एकीकृत राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रम हैं। इन पंचवर्षीय योजनाओं (Five Year Plans) में उन्हीं समस्याओं से संबंधित लक्ष्य को निर्धारित किया जाता है जिनसे देश का विकास बाधित हो रहा हो, या फिर जिस क्षेत्रों और मसलों पर ध्यान देकर देश को विकास की ओर अग्रसर किया जा सके। ऐसे में इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए सरकार इस संबंध में प्लानिंग कर और विभिन्न कदम उठाकर लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास करती रही है।

Highlights Of Panchwarsiya Yojana

आप नीचे दी गयी सारणी के माध्यम से भारत की पंचवर्षीय योजना के बारे में जान और समझ सकते हैं।

आर्टिकल का नाम भारत की पंचवर्षीय योजना
श्रेणी केंद्र सरकार की योजना
शुरुआत की गयी केंद्र सरकार द्वारा
पहली पंचवर्षीय योजना 8 जुलाई, वर्ष 1951 में शुरू
कुल पंचवर्षीय योजना 12 (+1)
उद्देश्य देश के विकास के लिए कृषि विकास,
अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाना व रोजगार प्रदान करना
लाभार्थी देश के नागरिक
श्रेणी केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गयी
आधिकारिक वेबसाइट niti.gov.in
वर्तमान वर्ष 2024

पंचवर्षीय योजना का उद्देश्य

देश में विकास के लिए बहुत सी योजनाएं चलाई जाती है। किसी भी योजना की सफलता के लिए आवश्यक है कि उसे ऐसे तैयार किया जाए जिससे निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति होने में कोई कठिनाई न हो। इसी आधार पर इन पंचवर्षीय योजनाओं की शुरुआत की थी। हर पंचवर्षीय योजना की शुरुआत में ऐसे लक्ष्य निर्धारित किये जाते थे जिन पर कार्य करने पर देश का विकास सुनिश्चित हो। देश में बहुत से आर्थिक, सामाजिक व अन्य पहलू होते हैं जिन पर ध्यान देने से विकास में बाधा बन रहे कारकों को खत्म किया जा सकता है।

कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि इन पंचवर्षीय योजनाओं का उद्देश्य देश में विकास को बढ़ाना है। इन योजनाओं (Panchwarsiya Yojana) के जरिये देश में रोजगार का सृजन करना और बेरोजगारी कम करना, अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना और कृषि आदि जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में और विकास करना है।

भारत की पंचवर्षीय योजना (5 Year Plan) की विशेषता

भारत सरकार ने देश के आजाद होने पर विकास के लिए पंचवर्षीय योजना (Panchwarsiya Yojana) की शुरुआत की थी। इन योजनाओं के माध्यम से देश के विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विकास दर को बढ़ाने का प्रयास किया गया। इन सेक्टर्स विकास को ध्यान में रखकर 5 सालों के लक्ष्य निर्धारित किये गए। जिससे देश आत्मनिर्भर और सशक्त बन सके। Panchvarshiya yojana की ऐसी ही अन्य और भी विशेषताएं हैं, जिन्हें आप आगे पढ़ सकते हैं –

  • पंचवर्षीय योजना में देश के निरंतर विकास का ध्यान रखा गया है।
  • Panchwarsiya Yojana की शुरुआत सन 1951 में तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा की गयी थी।
  • 5 Year Plan में लायी जाने वाली योजनाओं की जिम्मेदारी योजना आयोग की थी।
  • पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से देश में निवेश को भी बढ़ाया जाता है।
  • इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य 5 वर्षों की निर्धारित अवधि में देश के हित में तय किये गए लक्ष्यों की पूर्ति कर देश को विकसित करना है।
  • वर्तमान समय तक कुल 13 Panchwarsiya Yojana चलाई जा चुकी हैं।
  • Panchwarsiya Yojana के विभिन्न लक्ष्य रहे हैं – गरीबी उन्मूलन, सामाजिक न्याय, आधुनिकीकरण, सभी को रोजगार उपलब्ध कराना आदि अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विकास करना।
  • पंचवर्षीय योजनाओं का उद्देश्य – देशवासियों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करना और उन के जीवनस्तर को बेहतर बनाना।

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पंचवर्षीय योजना की सूची

पंचवर्षीय योजना (Panchwarsiya Yojana ) योजना की अवधी प्राथमिक क्षेत्र लक्ष्य की दर वृद्धि दर
पहली पंचवर्षीय योजना 1951 – 1956 कृषि, बिजली, सिंचाई2.13.6
दूसरी पंचवर्षीय योजना 1956 – 61पूर्ण उद्योग 4.5 4.2
तीसरी पंचवर्षीय योजना 1961 – 66खाद्य, उद्योग5.62.8
चौथी पंचवर्षीय योजना 1969 – 74कृषि 5.73.2
पांचवीं पंचवर्षीय योजना 1974 – 79गरीबी उन्मूलन, आर्थिक आत्मनिर्भरता4.45
छठवीं पंचवर्षीय योजना 1980 – 85कृषि, उद्योग5.25.5
सातवीं पंचवर्षीय योजना 1985 -90ऊर्जा, खाद्य56
आठवीं पंचवर्षीय योजना 1992 – 97मानव स्रोत, शिक्षा5.66.6
नौवीं पंचवर्षीय योजना 1997 – 02सामजिक न्याय 6.55.4
दसवीं पंचवर्षीय योजना 2002 – 07रोजगार, ऊर्जा8.17.6
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना 2007- 12समावेशी विकास 87.9
बारहवीं पंचवर्षीय योजना 2012 – 17त्वरित 88

पहली पंचवर्षीय योजना (1951-1956)

देश में शुरू की गयी पहली पंचवर्षीय योजना सन 1951 से 1956 तक के लिए शुरू की गयी थी। इस योजना को शुरू करने का श्रेय देश के पहले प्रधानमन्त्री जवाहर लाल नेहरू को जाता है। पहली पंचवर्षीय योजना हेराल्ड डोमर मॉडल पर आधारित है। इसमें मुख्य रूप से कृषि क्षेत्र के विकास पर जोर दिया गया था। देश के आज़ाद होने के बाद सबसे पहले देशवासियों के लिए खाद्य पदार्थों (अनाज) की जरूरतों को पूरा करना आवश्यक था। इस के साथ ही विभिन्न सिंचाई परियोजनाएं भी शुरू हुई। ये पंचवर्षीय योजना देश के विकास में मील का पत्थर साबित हुई।

Panchwarsiya Yojana से संबंधित प्रमुख तथ्य :

  • पंचवर्षीय योजना में निर्धारित लक्ष्य की दर – 2.1, जिसमें 3.6 की दर प्राप्त हुई।
  • भाखडा नांगल बांध और हीराकुंड बांध के साथ-साथ अन्य सिंचाई योजनाएं भी शुरू की गयी
  • देश के विकास हेतु विभिन्न अन्य क्षेत्रों के लिए भी विकास प्रक्रिया की शुरुआत की गयी ।
  • शरणार्थियों के पुनर्वास हेतु सरकार ने प्रभावी कदम उठाये।

द्वितीय पंचवर्षीय योजना (1956 – 61)

सरकार की दूसरी पंचवर्षीय योजना (Panchwarsiya Yojana) की शुरुआत हुई वर्ष 1956 में, जो 1961 तक के लिए थी। इस Panchwarsiya Yojana में प्रमुख लक्ष्य उद्योगों का विकास था। इस योजना के अंतर्गत देश के भारी उद्योगों को स्थापित करने व उनके विकास पर ध्यान दिया गया। इसके साथ ही इस पंचवर्षीय योजना में औद्योगिक उत्पादों के घरेलू उत्पादनों को अधिक से अधिक प्रोत्साहित किया गया।

सार्वजनिक क्षेत्र के विकास हेतु इस योजना में विशेष रूप से महालनोबिस मॉडल का पालन किया गया। इस मॉडल के आधार पर विभिन्न कदम उठाये गए जिससे देश का विकास हो सके। इस पंचवर्षीय योजना में राष्ट्रीय आय में 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी का लक्ष्य रखा गया। जिससे नागरिकों के जीवन स्तर और रहन-सहन में बेहतरी आ सके। इस योजना के तहत बंद अर्थव्यवस्था को अपनाया गया। इस में मुख्य व्यापारिक गतिविधि का फोकस पूंजीगत वस्तुओं के आयात पर केंद्रित किया गया था।

2nd 5 Year Plan की विशेषता व संबंधित मुख्य तथ्य:

  • देश में पांच भारी परियोजनाओं के तहत स्टील मीलों को स्थापित किया गया जो कि भिलाई, दुर्गापुर, राउरकेला में स्थित हैं।
  • रेलवे लाइन को उत्तर पूर्व में जोड़ना, कोयला उत्पादन में बढ़ोतरी करना आदि भी इस योजना के तहत किया गया।
  • परमाणु ऊर्जा आयोग (1948 ) का गठन किया गया।
  • टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ फंडामेंटल रिसर्च (एक अनुसंधान संस्थान) की स्थापना भी इस दूसरी पंचवर्षीय योजना के दौरान किया गया।
  • प्रतिभा खोज और छात्रवृति कार्यक्रम की शुरुआत की गयी जिससे परमाणु ऊर्जा से जुड़े प्रतिभाशाली युवाओं को ढूंढा जा सके।
  • 2nd Panchwarsiya Yojana में कुल आवंटित राशि 4800 करोड़ रूपए थी।

तृतीय पंचवर्षीय योजना (1961-1966)

देश की तीसरी पंचवर्षीय योजना जॉन सैण्डी तथा सुखमय चक्रवर्ती मॉडल पर आधारित थी। इस योजना को गाडगिल योजना के नाम से भी जाना जाता है। इस योजना का लक्ष्य देश के निवासियों को आत्मनिर्भर और अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाये रखना था। इसी योजना के दौरान देश को चीन (1962 ) और पाकिस्तान (1965) से युद्ध करना पड़ा। जिससे अर्थव्यवस्था चरमरा गयी और रक्षा उद्योग पक्ष की ओर भी ध्यान गया। हालाँकि इस दौरान भी देश में कृषि उत्पादन में सुधार और बांधों का निर्माण कार्य जारी रहा। तृतीया पंचवर्षीय योजना में लक्ष्य विकास दर 5.6 प्रतिशत प्राप्त करना निर्धारित था जबकि हासिल वृद्धि दर 2.84 प्रतिशत रही।

संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य :

  • कृषि और गेहूं के उत्पादन में सुधार , बांधों का निर्माण कार्य जारी रहा।
  • सीमेंट और उर्वरक संयंत्रों का निर्माण हुआ।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर शिक्षा हेतु प्राइमरी स्कूल खोले गए।
  • पंचायत चुनाव की शुरुआत भी इसी दौरान हुई।
  • राज्यों को विकास हेतु अधिक जिम्मेदारियां और शक्तियां प्रदान की गयी।
  • शिक्षा, बिजली और सड़क जैसी जिम्मेदारियां राज्य को दी गयी।

नोट : कृपया ध्यान दें कि तीसरी पंचवर्षीय योजना के समापन के बाद अगली पंचवर्षीय योजना शुरू नहीं की गयी। चौथी पंचवर्षीय योजना की शुरुआत से पहले 3 वर्ष (1967-1969) का अवकाश लिया गया। इसे अवकाश योजना यानी Plan Holiday नाम दिया गया।

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योजना अवकाश / Plan Holiday (1966 -1969)

तीसरी पंचवर्षीय योजना की समाप्ति के बाद अगली पंचवर्षीय योजना नहीं शुरू की गयी। इसके बाद अवकाश लिया गया जो कि मिर्डन के मॉडल पर आधारित था। योजना अवकाश की समय अवधि 1966 से 1969 तक थी। बताते चलें कि इस दौरान हर साल नई योजना लायी जाती जो कि कृषि और संबद्ध क्षेत्रों से जुडी रही हैं। और इसके अतिरिक्त उद्योग क्षेत्रों को भी प्राथमिकता दी गयी थी।

योजना अवकाश (Plan Holiday) लेने के पीछे मुख्य रूप से चीन और भारत – पाकिस्तान युद्ध होना था । युद्ध के बाद अगली पंचवर्षीय योजना के लिए फंड्स व प्लांनिंग के लिए समय की जरुरत थी। इसके साथ ही तीसरी पंचवर्षीय योजना के विफल होने के चलते भी इस अवकाश को लेना महत्वपूर्ण हो गया था।

चौथी पंचवर्षीय योजना (1969-1974)

1969 से लेकर वर्ष 1974 तक चौथी पंचवर्षीय योजना (4th Five Year Plan) का कार्यकाल है। इस समय देश की पहली महिला प्रधानमन्त्री इंदिरा गाँधी की सरकार थी। इस दौरान 14 प्रमुख बैंक माने जाने वाले बैंकों को राष्ट्रीय कृत कर दिया गया। वही कृषि क्षेत्र में उन्नति के लिए हरित क्रान्ति लायी गयी। जब 1971 में चुनाव हुए तो इंदिरा गाँधी ने गरीबी हटाओ का नारा दिया।

चौथी पंचवर्षीय योजना के दौरान औद्योगिक विकास हेतु निर्धारित किये गए फंड्स को युद्ध के प्रयास के लिए भेज दिया गया। जैसे की देश ने युद्ध का सामना किया तो ऐसे में देश की सुरक्षा बहुत मायने रखती थी। इस दौरा Smiling Buddha के नाम से देश का पहला परमाणु परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया।

संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य:

  • ये योजना अशोक रूद्र व ए० एस० मान्ने मॉडल पर आधारित
  • इस योजना में वृद्धि दर का लक्ष्य 5.6% रखा गया जबकि वास्तविक वृद्धि मात्र 3.3% हुई। इस आधार पर ये योजना असफल रही।
  • ISRO की स्थापना भी इसी दौरान ही की गयी।
  • देश की खाद्य सुरक्षा प्रणाली जिसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के नाम से जाना जाता है , का गठन हुआ।
  • इस दौरान देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का प्रयास किया गया।

पांचवी पंचवर्षीय योजना (1974-1979)

ये पंचवर्षीय योजना डी पी धर मॉडल पर आधारित थी। इस योजना के अंतर्गत कृषि क्षेत्र में उत्पादकता को बढ़ाना, उद्योग को बढ़ावा देना और गरीबी उन्मूलन जैसे तथ्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया। साथ ही देश में न्याय व्यवस्था को मजबूत करना, नए रोजगारों का सृजन करना और लोगों को रोजगार प्रदान करना, ग्रामीण बैंकों का निर्माण आदि लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु इस योजना को चलाया गया। वर्ष 1978 में चुनाव के बाद जनता पार्टी के नव निर्वाचित मोरारजी देसाई ने इस योजना को एक वर्ष पूर्व ही खत्म कर दिया।

संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य:

  • इस योजना के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्य 4.4 % था, जबकि इसकी वृद्धि 4.9 % हुई। इस आधार पर ये योजना सफल रही।
  • भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्रणाली को पहली बार लाया गया। नेशनल हाईवे बनाये गए।
  • सोशल फॉरेस्ट्री की शुरुआत की गयी।
  • गरीबी उन्मूलन इसका उद्देश्य था।

छठवीं पंचवर्षीय योजना (1980-1985)

इस योजना को आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत के रूप में जाना जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि योजना को दो बार तैयार किया गया था। 1980 में इंदिरा गाँधी की सरकार आयी जिसके बाद इस योजना को फिर से शुरू कर दिया गया और मोरारजी देसाई के ‘अनवरत योजना’ को बंद कर दिया गया। इस छठी पंचवर्षीय योजना का उद्देश्य देश से गरीबी को हटाना और नागरिकों को रोजगार दिलाकर बेरोजगारी को खत्म करना था।

संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य:

  • योजना में विकास की वृद्धि दर 5.2 प्रतिशत निर्धारित की गयी थी, जबकि 5.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी।
  • इस Panchwarsiya Yojana के दौरान NABARD बैंक भी स्थापित किये गए थे।
  • भारत में आर्थिक उदारीकरण (Economic liberalization ) की प्रक्रिया की शुरुआत हुई।
  • गरीबी खत्म करना और रोजगार उपलब्ध कराना इस योजना का उद्देश्य था।
  • परिवार नियोजन (Family Planning) की अवधारणा भी यहीं से शुरू हुई।
  • आधुनिक करण शब्द का पहली बार प्रयोग भी इसी दौरान हुआ।

सातवीं पंचवर्षीय योजना (1985- 1990)

Panchwarsiya Yojana के तहत नयी तकनीकी / उन्नत तकनीकी का प्रयोग करके उद्योगों के उत्पादकता के स्तर को बेहतर करने पर जोर दिया गया था। सातवें पंचवर्षीय योजना के उद्देश्य हैं – औद्योगिकी और आर्थिक उत्पादकता बढ़ाना, रोजगार के अवसरों का सृजन करना साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में विकास की गति को आगे बढ़ाना ही इस Panchwarsiya Yojana का उद्देश्य है। इस योजना के तहत विकास का लक्ष्य 5.0% रखा गया जबकि इसकी वृद्धि 6.01% दर्ज की गयी। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि ये योजना सफल रही। इस सफलता के पीछे इंदिरा सरकार द्वारा शुरू की गयी तीन मुख्य योजनाएं थी। जिनका नाम –

  1. इंदिरा आवास योजना / Indira Awas Yojana (1985-1986)
  2. जवाहर रोजगार योजना / Jawahar Rojgar Yojana (1989)
  3. नेहरू रोजगार योजना / Nehru Rojgar Yojana (1989)

संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य:

  • देश में रोजगार सृजन करके नागरिकों को रोजगार के अवसर प्रदान करना।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों को शुरू करके गांव को विकसित करना।
  • विभिन्न स्कीम और योजनाओं के जरिये नागरिकों तक सामाजिक सेवा पहुँचाना।
  • देश की आर्थिक स्थिति को और मजबूत करने हेतु प्रयास जारी रखा गया।
  • नई विकास की नीति और योजनाओं को बढ़ाना।

कृपया ध्यान दें: देश में आठवीं पंचवर्षीय योजना समय पर शुरू नहीं हो पायी थी। जिस की वजह थी केंद्र में सरकार की अस्थिरता। इस वजह से देश में वार्षिक योजनाओं को शुरू किया गया। ऐसा दो साल चला। जिनमें से पहले 1990- 1991 में SIDBI (SMALL INDUSTRIES DEVELOPMENT BANK OF INDIA) की स्थापना की गयी। इसके बाद 1991 -1992 में अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए घोषणा की गयी।

आठवीं पंचवर्षीय योजना (1992-1997)

आठवीं पंचवर्षीय योजना मानव और मानव संसाधन के विकास से जुडी थी। इस योजना के तहत देश में सभी मानव संसाधन से जुड़े क्षेत्रों का विकास किया गया। जैसे की – शिक्षा और स्वास्थ्य से जुडी योजनाएं और स्कीम के माध्यम से मानव विकास की ओर कदम बढ़ाया गया। इस दौरान स्कूलों का निर्माण, शिक्षा से जुडी अन्य योजनाएं आदि शुरू की गयी। इसके अतिरिक्त नए रोजगार का सृजन करना और मानव विकास हेतु विभिन्न नीतियों की शुरुआत करना, गरीबी हटाना, नागरिकों को सशक्त करना आदि इसमें शामिल था।

संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य:

  • इसकी विकास वृद्धि दर का लक्ष्य 5.6% रखा गया था, और वृद्धि दर 6.8% दर्ज की गयी। यानी ये योजना भी सफल रही।
  • मानव विकास की कड़ी में शिक्षा को प्राथमिकता दी गयी।
  • एक निश्चित आयु सीमा (15 से 35 वर्ष) के बीच निरक्षरता को खत्म करना।
  • मानव संसाधन की नींव जैसे – पंचायती राज, नगर पालिका को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए विभिन्न स्कीमें लायी गयी।
  • सामाजिक विकास हेतु योजनाओं की शुरुआत की गयी थी।
  • प्रधानमंत्री योजना की भी शुरुआत की गयी।
  • ऊर्जा क्षेत्र को भी प्राथमिकता दी गयी।
  • साथ ही तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव द्वारा आर्थिक नीति – (उदारीकरण (Liberalization), निजीकरण (Privatization), वैश्वीकरण (Globalization) को भी मंजूरी प्रदान की गयी।

नौवीं पंचवर्षीय योजना (1997 -2002)

नौवीं पंचवर्षीय योजना जो कि 1997 – 2002 के समयावधि में शुरू की गयी थी वो आगत निर्गत मॉडल पर आधारित है। इस योजना के अंतर्गत देश में सभी क्षेत्रों में एक साथ विकास और आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने का उद्देश्य रखा गया था। इस के लिए इस Panchwarsiya Yojana में 15 वर्ष पूर्व की योजना नीति को भी अपनाया गया था। हालाँकि ये योजना सभी क्षेत्रों में आर्थिक विकास हेतु इतनी सफल नहीं रही। ये अपने निर्धारित लक्ष्य 6.5% के मुकाबले 5.5 % ही वृद्धि कर पायी।

इस 9th 5-year plan का उद्देश्य तीव्र औद्योगिकी करण , मानव विकास, गरीबी कम करना, घरेलू संसाधनों पर आत्मनिर्भर होना। नए रोजगारों के अवसरों का सृजन करना, ग्रामीण क्षेत्रों का विकास करना आदि इसका लक्ष्य था। इस दौरान रोजगार से संबंधित कुछ योजनाओं को शुरू किया गया – जवाहर ग्राम समृद्धि योजना, प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना, स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना, स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना

संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य:

  • इसी Panchwarsiya Yojana के (मध्य) दौरान ही भारत के आजादी के 50 वर्ष पूरे हुए थे।
  • कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता देना और देश के ग्रामीण क्षेत्रों के विकास हेतु कार्य करना।
  • पर्याप्त मात्रा में नए रोजगारों के अवसर का सृजन करना।
  • गरीबी उन्मूलन कर्ण हेतु योजनाओं और प्रयासों को बढ़ावा देना।
  • अर्थव्यवस्था की बढ़ोतरी दर को स्थिर / जारी रखना।
  • स्वास्थ्य, खाद्य, साफ़ पानी, यातायात, महिला सशक्तिकारण आदि को बढ़ावा देना।

10वीं पंचवर्षीय योजना (2002-2007)

ये Panchwarsiya Yojana वर्ष 2002 से लेकर वर्ष 2007 तक चली। इस योजना में मुख्य रूप से देश में गरीबी को खत्म बेरोजगारी जैसी समस्या से निपटने को प्राथमिकता दी गयी थी। साथ ही शिक्षा को काफी महत्व दिया गया। भारत के प्रत्येक नागरिक की इनकम को दोगुनी करना और सभी को एक साथ लेकर चलते हुए उन्हें सशक्त बनाना भी इसमें शामिल था। इसके अतिरिक्त देश में कृषि से संबंधित सभी क्षेत्रों में बयार को जारी रखना ही लक्ष्य बनाया गया था। इस Panchwarsiya Yojana में लक्ष्य 8 % प्रतिशत का रखा गया था और इस में 7.7 प्रतिशत का लक्ष्य हासिल हुआ।

अन्य संबंधित तथ्य

  • देश के उन क्षेत्रों में लोगों को रोजगार प्रदान किया गया जहाँ अभी तक विकास नहीं पहुंच सका था।
  • रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करके नागरिकों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाया गया।
  • इस योजना (7th Panchwarsiya Yojana) के तहत प्राथमिक शिक्षा को महत्त्व दिया गया और विभिन्न स्कूलों में एडमिशन की संख्या बढ़ायी गयी।
  • शिक्षा हेतु प्रेरित और प्रोत्साहित किया गया। शिक्षा की दर में वृद्धि लाने का प्रयास अनवरत जारी है।
  • इसके अतिरिक्त कृषि और ऊर्जा क्षेत्र में विकास हेतु हर Panchwarsiya Yojana में कार्य जारी रहा।

11वीं पंचवर्षीय योजना (2007-2012)

देश में 11वीं पंचवर्षीय योजना की शुरुआत वर्ष 2007 में हुई थी जो कि वर्ष 2012 तक की अवधि के लिए थी। बता दें की इस योजना के दौरान तीव्रतम गति से विकास को आगे बढ़ाना और समावेशी ढंग से निरंतर विकास की प्रक्रिया को जारी रखने पर ही ध्यान दिया गया है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ० मनमोहन सिंह ने बहुत से सेक्टर के विकास के लिए विभिन्न योजनाओं की शुरुआत की है। इस योजना की प्लानिंग का जिम्मा सी० रंगराजन का था। उस समय में तीन महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की गयी थी – प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, आम आदमी बीमा योजना, राजीव आवासीय योजना

ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के आखिरी वर्ष 2012 में देश में सभी नदियों और जल क्षेत्रों की साफ़ सफाई को लेकर भी निर्णय लिया गया है। यही नहीं इसके लिए मनमोहन सरकार ने 11वीं पंचवर्षीय योजना के लिए 71731.98 करोड़ रुपए का बजट भी निर्धारित किया था।

संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य:

  • इस योजना का लक्ष्य 8.1% रखा गया जबकि इसकी वृद्धि 7.9% ही आंकी गई।
  • पंचवर्षीय योजना का उद्देश्य – “तेज़ और अधिक समावेशी विकास ” के थीम पर था।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में विकास हेतु ऊर्जा क्षेत्रों को और अधिक विकसित करना।
  • नागरिकों को पीने का शुद्ध पानी उपलब्ध कराना।

12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-2017)

वर्ष 2012 से लेकर 2017 तक देश की बारहवीं पंचवर्षीय योजना चली थी। इस पंचवर्षीय योजना का उद्देश्य देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के विकास के लिए विभिन्न सेक्टरों को विकसित करना था। इसके लिए सरकार द्वारा कृषि, संचार, उद्योग, ऊर्जा, परिवहन व ऐसे ही अन्य महत्वपूर्ण आधारभूत सुविधाओं और क्षेत्रों के विकास पर अधिक जोर दिया गया।

देश में आर्थिक विकास हेतु वार्षिक 10 प्रतिशत का लक्ष्य रखा गया था। जिसे बाद में 9 प्रतिशत से घटाकर 8.1 कर दिया गया था। वजह थी – वैश्विक आर्थिक संकट, जिसका असर भारत पर भी पड़ा था। आप की जानकारी के लिए बता दें कि ये पंचवर्षीय योजना आखिरी है। इसके बाद सरकार ने इसे बंद कर दिया था। लेकिन बताते चलें कि सिर्फ 5 वर्ष की डिफेन्स प्लान ही जारी रहेगा।

सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य:

  • इस पंचवर्षीय योजना में बहुत सी मूलभूत आवश्यकताओं से संबंधित विकास को अपनाया गया।
  • नागरिकों के बेहतर स्वास्थ्य, पीने के लिए शुद्ध और साफ़ पानी, गाँव-गाँव में पहुँचना जैसी सुविधाओं का विकास करना।
  • देश के कोने कोने और आखिरी छोर तक नागरिकों को सुविधा प्रदान करना।
  • बैंकिंग व डिजिटल सुविधाओं की जानकारी देना। व इनके इस्तेमाल हेतु उन्हें प्रेरित करना।
  • बेटा और बेटी, पिछड़े वर्ग और सामान्य वर्गों के बीच की असमानता को खत्म करना।
पंचवर्षीय योजना क्या है | 1-13 वीं पंचवर्षीय योजना भारत

महत्वपूर्ण जानकारी

आप की जानकारी हेतु बताते चलें कि सरकार द्वारा वर्ष 2014 में पंचवर्षीय योजना बनाने वाली योजना आयोग को भंग कर दिया है। अभिप्राय है कि अब से पंचवर्षीय योजनाओं को नहीं बनाया जाएगा। इस के स्थान पर नीति आयोग का गठन किया गया है। इसका गठन वर्ष 2015 में हुआ है। नीति आयोग द्वारा Draft Action Plan तैयार किया गया है। जिसके अनुसार एक लॉन्ग टर्म 15 वर्षीय विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया है। जिसमें देश में लायी जाने वाली योजनाएं और अन्य सभी कार्यों की रूप रेखा वर्णित की गयी है। जो कि देश के विकास के लिए तैयार की गयी है। इसमें 2035 तक के लिए प्लानिंग की गयी है।

13वीं पंचवर्षीय योजना

जैसे की आप को जानकारी दी गयी है कि 12 पंचवर्षीय योजना के बाद अब योजना आयोग को भंग कर दिया गया है और अब पंचवर्षीय योजना को आगे के लिए नहीं बनाया जाएगा। अब पंचवर्षीय योजना नहीं होगी, अब से बनेगा 15 साल का खाका। नीति आयोग करेगी इसका चयन।

नीति आयोग व इसके लॉन्ग टर्म विजन

नीति आयोग को भारत सरकार के प्रमुख नीतिगत थिंक टैंक माना जाता है। इस आयोग का गठन 1 जनवरी, 2015 को हुआ , जो कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के एक संकल्प के जरिये किया गया है। बता दे कि नीति आयोग का कार्य दिशात्मक और नीतिगत इनपुट प्रदान करना है। नीति आयोग केंद्र सरकार के लिए लॉन्ग टर्म पॉलिसियां और प्रोग्राम को निर्धारित करता है। इन कार्य नीतियों को बनाने के साथ-साथ आयोग का काम केंद्र कर राज्य सरकार को संबंधित तकनीकी सलाह भी देता है।

कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि नीति आयोग का काम देश के हित में और विकास के लिए नई-नई रणनीतियाँ बनाना और उसके कार्यान्वयन हेतु सरकार की मदद करना है। इसके अतिरिक्त भी इसके बहुत से महत्वपूर्ण कार्य हैं जिन्हें नीति आयोग को केंद्र सरकार के लिए करने होते हैं।

यहाँ जानिये नीति आयोग के लॉन्ग टर्म विजन

आयोग द्वारा 15 वर्षीय विजन डॉक्यूमेंट को वर्ष 2017-18 से 2031-32 तक के लिए तैयार किया गया है। इसके अतिरिक्त रणनीति वर्ष 2017-18 से 2023-24 तक बनायी गयी है। साथ ही त्रिवर्षीय कार्य योजना, 2017-18 से 2019-20 तक के लिए तैयार की गयी है।

  • इन योजनाओं के माध्यम से केंद्र सरकार देश की जीडीपी को और बढ़ाने के लिए कार्य करेगी। जिस प्रकार पिछले 15 वर्ष पहले भारत की जीडीपी में 91 लाख करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई थी। उसी प्रकार सरकार का प्रयास है कि इस प्लान के जरिये भारत की जीडीपी को अगले 15 सालों में 332 लाख करोड़ से बढ़ा कर 469 लाख करोड़ कर दी जाए।
  • इस प्लान के माध्यम से केंद्र सरकार देश के सभी नागरिकों को बुनियादी जरूरतों और सुविधाओं की पूर्ति करेगी। जैसे कि –
    • हर घर में शौचालय का निर्माण करेगी जिनके यहाँ अभी तक शौचालय नहीं बने हैं। जिससे स्वच्छता बनी रहे।
    • बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं।
    • सभी योग्य जरुरतमंदो को घर में एलपीजी कनेक्शन दिए जाएंगे।
    • देश के उन ग्रामीण क्षेत्रों में घर घर में बिजली पहुंचाई जाएगी, जहाँ अभी तक बिजली नहीं थी।
  • 15 साल के विज़न डॉक्यूमेंट में आतंरिक सुरक्षा और रक्षा को भी शामिल किया गया है, जो कि पहले पंचवर्षीय योजना के भाग थे।
  • 3 वर्षों का Action Agenda: इस के तहत कृषि क्षेत्रों का विकास किया जाएगा। नयी तकनीकों के प्रयोग हेतु प्रेरित इसमें सहायता भी की जाएगी।
  • उद्योगों और विभिन्न सेवाओं के सफलता के लिए भी रणनीति बनायी जाएगी। शिक्षा क्षेत्रों में भी विकास किया जाएगा और गुणवत्ता पर पूरा ध्यान रखा जाएगा। पर्यावरण और जल संसाधनों को स्वच्छ रखना और पहले से बेहतर करने के लिए नीतियों का निर्माण किया जाएगा।
  • भारत का आर्थिक विकास बहुत जरूरी है। जिसके लिए सरकार सड़क मार्ग, रेलवे, हवाई जहाज, समुद्री मार्गों बेहतर बनाया जाएगा।
  • सभी सामाजिक क्षेत्रों को बेहतर विकास के लिए भारी उद्योगों का निर्माण किया जाएगा।
  • सरकार का उद्देश्य है कि देश के सभी नागरिक बुनियादी आवश्यकता की पूर्ति आसानी से कर सकें और कम से कम 50 % प्रतिशत से अधिक लोग अपनी वित्तीय क्षमता के अनुसार सुविधाओं की वस्तुएं खरीद सकें जैसे कि –
    • दो पहिया वाहन
    • ए०सी
    • अन्य सुविधाएं।
  • नीति आयोग की योजनाओं के अनुसार शिक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके तहत रेमेडियल क्लासेज के माध्यम से कमजोर बच्चों को और साथ ही वो बच्चे जो पिछड़े वर्ग से आते हैं उन्हें अलग से शिक्षित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त शिक्षा के तरीके में भी बदलाव देखने को मिलेगा –
    • जल्द ही बच्चे बुक्स और क्लासरूम के साथ-साथ डिजिटल माध्यम से भी पढ़ सकेंगे।
    • ऑनलाइन क्लासेज और डिजिटल बुक्स को जल्द ही स्मार्ट क्लास के साथ बच्चों की पढ़ाई के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।
    • बच्चे जरुरत पड़ने पर कहीं से भी ऑनलाइन क्लासेस से पढ़ाई कर सकेंगे
  • जो भी अभ्यर्थी राज्य अथवा केंद्र स्तर पर होने वाली कॉम्पिटिटिव परीक्षा जैसे कि सिविल सर्विसेस आदि की तैयारी करेंगे, उनके लिए अनेक प्रकार की सुविधाएं और गाइडेंस की व्यवस्था की जाएगी।
  • छात्रवृत्ति आदि की भी व्यवस्था भी सुदृढ़ की जाएगी जिससे बच्चे अपनी पढ़ाई आसानी से बिना किसी आर्थिक समस्या के पूरी कर सकें।

पंचवर्षीय योजना से संबंधित प्रश्न उत्तर

Panchwarsiya Yojana क्या है ?

ये भारत सरकार द्वारा देश के विकास हेतु चलाई जाने वाली योजना है, जिसे प्रत्येक 5 वर्ष की अवधी के लिए चलाया जाता है। इसके तहत देश के विकास हेतु कुछ निश्चित उद्देश्य और लक्ष्य निर्धारित किये जाते हैं। जिसे 5 वर्ष की अवधी में पूरा करना होता है।

भारत में कुल कितनी पंचवर्षीय योजना हुई हैं ?

अभी तक भारत में कुल 12 पंचवर्षीय योजना हुई है। हालाँकि डिफेंस सेक्टर में अभी 13वीं पंचवर्षीय योजना जारी है।

Panchwarsiya Yojana क्यों लायी गयी थी ?

इन योजनाओं को देश के विकास के लिए लाया गया था। इस का उद्देश्य देश में सर्वांगीण विकास को लाना था, जिससे आर्थिक और सामाजिक रूप से विकसित करना।

अभी कौन सी पंचवर्षीय योजना चल रही है ?

वर्तमान में डिफेन्स सेक्टर में 13वीं पंचवर्षीय योजना चल रही है। हालाँकि वर्ष 2015 में इन योजनाओं को बंद कर दिया गया है। और साथ ही योजना आयोग को भी भंग कर दिया है। अब इसके स्थान पर नीति आयोग द्वारा योजनाओं और रणनीति को बनाया जाएगा।

Panchwarsiya Yojana की शुरुआत कब हुई थी ?

पहली पंचवर्षीय योजना की शुरुआत वर्ष 1951 में की गयी थी। इसकी शुरुआत करने का श्रेय देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को जाता है।

कुल पंचवर्षीय योजना में कौन सी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण योजना थी और उसका उद्देश्य क्या था ?

अभी तक की कुल योजनाओं में से सबसे महत्वपूर्ण पहली पंचवर्षीय योजना को माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत के आजादी के बाद खाद्यान्न की समस्या से निपटने और अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए देश के विभिन्न क्षेत्रों का विकास आवश्यक था। इसके लिए सरकार ने कृषि, बिजली, सिंचाई आदि क्षेत्रों में विकास हेतु कार्य को उद्देश्य बनाया ।

गरीबी हटाओं का नारा कौन सी Panchwarsiya Yojana में दिया गया ?

गरीबी हटाओ का नारा पांचवीं पंचवर्षीय योजना में दिया गया था।

सभी पंचवर्षीय योजना में से अभी तक सबसे सफल कौन सी योजना है ?

पंचवर्षीय योजना में से अभी तक की सफलतम योजना – 11वीं पंचवर्षीय योजना (2007- 2012) है।

नीति आयोग क्या है ?

नीति आयोग एक संस्था है , जिसका गठन 1 जनवरी , 2015 में किया गया है। ये केंद्रीय सरकार का प्रमुख नीतिगत ‘थिंक टैंक’ है। इसके योजना आयोग को भंग करके अस्तित्व में लाया गया है। जो देश के विकास हेतु नई नई योजनाएं बनाएगा।

नीति आयोग का क्या काम है ?

नीति आयोग का काम देश के हित में विभिन्न योजनाएं बनाना है। देश का विकास बेहतर तरीके से हो सके इसके लिए नई नई रणनीतियाँ तैयार करना और उसके कार्यान्वयन के लिए सरकार की मदद करना है।

13 वीं पंचवर्षीय योजना कब लागू की गई ?

13 वीं पंचवर्षीय योजना को 2017 में लागू कर दिया गया था जो की 2035 तक चलेगा। इसके लिए सरकार के द्वारा एक नए आयोग को लाया गया जिसका नाम है नीति आयोग। नीति आयोग के द्वारा बनाया गया 15 साल का खाका जो की वर्तमान में सुचारु रूप से चल रहा है।

पंचवर्षीय योजना का उद्देश्य क्या है ?

पंचवर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य देशवासियों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करना और उन के जीवन स्तर को बेहतर बनाना है।

वर्तमान में भारत में कौन सी पंचवर्षीय योजना चल रही है ?

वर्तमान में भारत में 12 वीं एवं अंतिम पंचवर्षीय योजना चल रही है।

भारत में पंचवर्षीय योजना कब लागू हुई ?

भारत में पंचवर्षीय योजना सन 1951 में की गई है।

आज इस लेख के माध्यम से हमने देश की विभिन्न पंचवर्षीय योजना के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आप को ये जानकारी उपयोगी लगी होगी। यदि आप ऐसी ही अन्य उपयोगी जानकारी और देश में चल रही विभिन्न योजनाओं के बारे में जानना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट ghsarwaljk.co.in को बुकमार्क कर सकते हैं।

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