भारतीय संविधान ने देश के सभी नागरिकों को बहुत से अधिकार प्रदान किये हैं, जिनका विवरण हमें संविधान के अनेक अनुच्छेदों में देखने के लिए मिलता है। संविधान के निर्माताओं ने देश लोकतांत्रिक राज व्यवस्था को चलाने के लिए संविधान में अनुसूचियाँ को परिशिष्ट की तरह जोड़ा गया।
संविधान बनने के समय पर अनुसूचियों की संख्या 8 हुआ करती थी लेकिन वर्तमान में कई संशोधन करने के पश्चात संविधान में अनुसूचियों की संख्या 12 है। भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को मान्य होकर लागू हो गया था, भारतीय संविधान को बहुत से देशों के संविधान से मिलाकर बनाया गया है।
अगर आप भी भारतीय संविधान के सभी 12 अनुसूचियों (Schedules of Indian Constitution) के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा पढ़ें।
आज हम आपको बताएंगे की भारतीय संविधान में कितने भाग है तथा कितने अनुच्छेद (Article) हैं, और साथ में संविधान की सभी अनुसूचियों के बारे में आज हम विस्तृत तरीके से बात करेंगे इसलिए हमारे आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
इसके साथ ही क्या आप जानते हैं की पंचवर्षीय योजना क्या है? अगर नहीं तो 1-13 वीं पंचवर्षीय योजनाओं के बारे में पढ़ सकते हैं।
भारतीय संविधान की अनुसूचियां
भारत का संविधान एक सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश का संविधान है, ये देश के संघीय संरचना का आधार है। कभी-कभी संघीय राष्ट्र में ताकत एवं काम के क्षेत्र में प्रदेश सरकार एवं संघ की सरकार के बीच विवाद की संभावनाएं बनी रहती हैं, इस सभी मामलों से बचाव के लिए संविधान निर्माताओं ने संघ एवं प्रदेश की सरकारों के कार्य के क्षेत्रों और उनके अधिकारों को लेकर सूची बनाई गयी है, इन सूचियों को भारतीय संविधान में “अनुसूची” कहते हैं। वर्तमान में भारतीय संविधान में 12 अनुसूचियाँ हैं।
भारतीय संविधान के भाग एवं अनुच्छेद (Article)
भारतीय संविधान को 22 भागों में विभाजित किया गया है तथा इसमें 395 अनुच्छेद हैं और 12 अनुसूचियाँ हैं।
भाग | विषय | अनुच्छेद |
---|---|---|
भाग 1 | संघ और उसके क्षेत्र | अनुच्छेद 1-4 |
भाग 2 | नागरिकता | अनुच्छेद 5-11 |
भाग 3 | मूलभूत अधिकार | अनुच्छेद 12 – 35 |
भाग 4 | राज्य के नीति निदेशक तत्त्व | अनुच्छेद 36 – 51 |
भाग 4A | मूल कर्तव्य | अनुच्छेद 51A |
भाग 5 | संघ | अनुच्छेद 52-151 |
भाग 6 | राज्य | अनुच्छेद 152 -237 |
भाग 7 | संविधान (सातवाँ संशोधन) अधिनियम, 1956 द्वारा निरसित | अनु़चछेद 238 |
भाग 8 | संघ राज्य क्षेत्र | अनुच्छेद 239-242 |
भाग 9 | पंचायत | अनुच्छेद 243- 243O |
भाग 9A | नगरपालिकाएँ | अनुच्छेद 243P – 243ZG |
भाग 10 | अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र | अनुच्छेद 244 – 244A |
भाग 11 | संघ और राज्यों के बीच सम्बन्ध | अनुच्छेद 245 – 263 |
भाग 12 | वित्त, सम्पत्ति, संविदाएँ और वाद | अनुच्छेद 264 -300A |
भाग 13 | भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम | अनुच्छेद 301 – 307 |
भाग 14 | संघ और राज्यों के अधीन सेवाएँ | अनुच्छेद 308 -323 |
भाग 14A | अधिकरण | अनुच्छेद 323A – 323B |
भाग 15 | निर्वाचन | अनुच्छेद 324 -329A |
भाग 16 | कुछ वर्गों के लिए विशेष उपबन्ध सम्बन्ध | अनुच्छेद 330- 342 |
भाग 17 | राजभाषा | अनुच्छेद 343- 351 |
भाग 18 | आपात उपबन्ध | अनुच्छेद 352 – 360 |
भाग 19 | प्रकीर्ण | अनुच्छेद 361 -367 |
भाग 20 | संविधान के संशोधन | अनुच्छेद 368 |
भाग 21 | अस्थाई संक्रमणकालीन और विशेष उपबन्ध | अनुच्छेद 369 – 392 |
भाग 22 | संक्षिप्त नाम, प्रारम्भ, हिन्दी में प्राधिकृत पाठ और निरसन | अनुच्छेद 393 – 395 |
भारतीय संविधान की अनुसूचियों का संक्षिप्त विवरण
अनुसूचियाँ | अनुसूचियों से संबंधित विवरण | अनुच्छेद |
पहली अनुसूची | संघ तथा राज्य के क्षेत्रों का वर्णन | अनुच्छेद -1 अनुच्छेद -4 |
दूसरी अनुसूची | मुख्य अधिकारियों के भत्ते तथा वेतन | अनुच्छेद -59(3) अनुच्छेद -65(3) अनुच्छेद -75(6) अनुच्छेद -97 अनुच्छेद -125 अनुच्छेद -148(3) अनुच्छेद -158(3) अनुच्छेद -164(5) अनुच्छेद -186 अनुच्छेद -221 |
तीसरी अनुसूची | भारतीय संविधान की तीसरी अनुसूची में महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर कार्यभार एवं शपथ के बारे में बताया गया है। जैसे की:- राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, न्यायाधीशों, विधायिका के सदस्य, केंद्रीय मंत्री। | अनुच्छेद -75(4) अनुच्छेद -99 अनुच्छेद -124(6) अनुच्छेद -148(2) अनुच्छेद -164(3) अनुच्छेद -188 अनुच्छेद -219 |
चौथी अनुसूची | राज्यों तथा संघो क्षेत्रों से राज्यसभा में स्थानों का आवंटन | अनुच्छेद -4(1) अनुच्छेद -80(2) |
पांचवी अनुसूची | अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के प्रशाशन और नियंत्रण से संबंधित प्रावधान | अनुच्छेद -244(1) |
छठवीं अनुसूची | मेघालय, त्रिपुरा, असम और मिजोरम जैसे राज्यों के जनजाति क्षेत्रों के प्रशाशन के विषय में प्रावधान | अनुच्छेद -244(2) अनुच्छेद -275(1) |
सातवीं अनुसूची | संघ और राज्यों के बीच शक्ति वितरण से संबंधित सूची-1 संघ सूची, सूची-2 राज्य सूची, सूची-3 समवर्ती सूची। | अनुच्छेद -246 |
आठवीं अनुसूची | 22 भाषाओँ का उल्लेख | अनुच्छेद -344(1) अनुच्छेद -351 |
नवीं अनुसूची | कुछ भूमि सुधार संबंधी अधिनियमों का विधिमान्यकरण | अनुच्छेद -31 ख |
दसवीं अनुसूची | दल परिवर्तन संबंधी उपबंध | अनुच्छेद -102(2) अनुच्छेद -191(2) |
ग्यारहवीं अनुसूची | पंचायती राज तथा जिला पंचायत से सम्बन्धित मामले | अनुच्छेद 243 G |
बारहवीं अनुसूची | इस अनुसूची में नगरपालिका का वर्णन किया गया है | आर्टिकल 243-W |
भारतीय संविधान के सभी 12 अनुसूचियाँ
वर्तमान में भारतीय संविधान में 12 अनुसूचियाँ हैं जिनमे राष्ट्र से संबंधित सभी जानकारी हैं। आप संविधान की सम्पूर्ण जानकारी सरकार की आधिकारिक वेबसाइट (यहाँ क्लिक करें) पर जाकर भी प्राप्त कर सकते हैं। भारतीय संविधान में नवीं अनुसूची को वर्ष 1951, दसवीं अनुसूची को 1985 को, ग्यारहवीं अनुसूची को 73 वे संविधान संशोधन 1992 में और बारहवीं अनुसूची को 74 वे संविधान संशोधन 1992 में सम्मिलित किया गया था। सभी 12 अनुसूचियों का विस्तृत वर्णन नीचे दिया गया है।
पहली अनुसूची
संविधान में पहली अनुसूची के तहत हमारे देश के सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों का उल्लेख किया गया है। भारतीय संविधान के मूल स्वरूप की पहली अनुसूची में देश के 28 राज्यों एवं 8 केंद्र शासित प्रदेशों का उल्लेख मिलता है तत्पश्चात संविधान में 69 वां संशोधन कर दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का दर्जा मिला।
दूसरी अनुसूची
संविधान की दूसरी अनुसूची में देश के संवैधानिक पदाधिकारियों जैसे :-राज्यपाल, राष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष, राज्यसभा के सभापति एवं उप सभापति, विधानसभा अध्यक्ष, उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, CAG आदि के कर्तव्य, वेतन, भत्ते, अधिकार, आदि के बारे में जानकारियों का विवरण दिया गया है।
तीसरी अनुसूची
संविधान की तीसरी अनुसूची में सभी संवैधानिक पदाधिकारियों, केंद्रीय मंत्रियों, राष्ट्रपति, इत्यादि पदों को ग्रहण करने वाली शपथ का वर्णन करती है। इस प्रकार हम कह सकते हैं की भारतीय संविधान की तीसरी अनुसूची पदाधिकारियों की शपथ से जुडी हुई है। भारतीय संविधान में तीसरी अनुसूची से जुड़े हुए अनुच्छेद -75(4), 99, 124(6), 148(2), 164(3), 188, 219 हैं।
चौथी अनुसूची
संविधान की चौथी अनुसूची राज्यसभा की अलग-अलग प्रदेशों की सीटों को निर्धारित करती है। चुनाव के बाद सीटें किस प्रकार से निर्धारित होंगी यह सब संविधान की चौथी अनुसूची के अंतर्गत बताया गया है। संविधान में चौथी अनुसूची से संबंधित अनुच्छेद -4(1) और अनुच्छेद -80(2) हैं।
पांचवी अनुसूची
संविधान की पांचवी अनुसूची के तहत देश के अलग-अलग क्षेत्रों में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति में प्रशासन तथा नियंत्रण के विषय में वर्णन मिलता है। संविधान में पाँचवीं अनुसूची से संबंधित अनुच्छेद -244(1) है।
छठवीं अनुसूची
भारतीय संविधान की इस अनुसूची में असम, मेघालय, मिजोरम तथा त्रिपुरा में स्थित जनजातियों के प्रशासन के प्रावधान का वर्णन देती हैं। इस अनुसूची में उत्तर पूर्वी राज्यों के प्रशासनिक अधिकारों के बारे में भी बताया गया है। भारतीय संविधान में छठी अनुसूची से संबंधित अनुच्छेद -244(2) और अनुच्छेद -275(1) है।
सातवीं अनुसूची
संविधान में यह अनुसूची अलग अलग राज्यों तथा केंद्र के बीच में शक्तियों के विभाजन का वर्णन देती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें की इस अनुसूची में तीन सूचियों को स्थान मिला है।
1: संघ सूची
2: राज्य सूची
3: समवर्ती सूची
1 संघ सूची
संघ सूची में केंद्र सरकार को कानून बनाने का अधिकार के बारे में बताया गया है। इस सूची के अनुसार किसी भी कानून को पारित अथवा लागू करने का अधिकार केवल केंद्र सरकार के पास होगा। सबसे पहले संविधान में 97 विषय रखे गए थे लेकिन बाद में संविधान में संशोधन कर 100 विषयों को जोड़ा गया।
2 राज्य सूची
राज्य सूची के तहत राज्य को कानून बनाने का अधिकार तथा विधानमंडल के गठन के विषय में बताया गया है। देश में आपात काल के समय में राज्य की विधानसभा को भंग करके 6 महीने का आपात काल लगाया जा सकता है। संविधान के लागू होने के समय इसमें 66 विषय शामिल थे लेकिन वर्तमान में 61 विषय ही शामिल हैं।
3 समवर्ती सूची
इस सूची के तहत देश में राज्य तथा संघ दोनों के पास यह अधिकार है की वह सूची के तहत उल्लिखित विषयों पर कानून बना सकती हैं। संविधान के बनने के समय समवर्ती सूची में केवल 47 विषयों को रखा गया था लेकिन वर्तमान में संशोधन कर 52 विषय हैं।
आठवीं अनुसूची
संविधान में आठवीं अनुसूची में भारत की मान्यता प्राप्त भाषाओं का वर्णन मिलता है। वर्तमान में आठवीं अनुसूची के तहत 22 भाषाएं हैं। आपको बता दें की संविधान के लागू होते समय इस अनुसूची में केवल 14 भाषाओं को जोड़ा गया था लेकिन बाद में इसमें 8 और भाषाओं को जोड़ा गया।
नवीं अनुसूची
संविधान की नवीं सूची में संपत्ति के उत्तराधिकारी, सम्पति के अधिग्रहण इत्यादि के बारे में बताया गया है। नौवीं अनुसूची में शामिल विषयों को किसी भी कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती है।
दसवीं अनुसूची
संविधान की दसवीं अनुसूची में राजनीतिक दलों के बारे में बताया गया है, इस अनुसूची के तहत नेताओं के द्वारा राजनितिक दलों को बदले जाने से रोकने के लिए कानून बनाये गए हैं।
ग्यारहवीं अनुसूची
भारतीय संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में 73 वें संविधान संशोधन के तहत पंचायती राज का उल्लेख मिलता है। 11 वीं अनुसूची में पंचायती व्यवस्था के 29 विषयों को शामिल किया गया है।
बारहवीं अनुसूची
भारतीय संविधान की बारहवीं अनुसूची में 74 वें संशोधन करने के बाद शहरी क्षेत्र और स्थानीय नगर पालिकाओं के संबंध में बताया गया है।
भारतीय संविधान के सभी अनुसूचियों से संबंधित कुछ (FAQ)
संविधान में सर्वप्रथम कितनी अनुसूचियाँ थी ?
मूल स्वरूप संविधान में 8 अनुसूचियाँ थी।
भारतीय संविधान में कितने भाग एवं अनुच्छेद हैं ?
भारतीय संविधान को 22 भागों में विभाजित किया गया है तथा इसमें 395 अनुच्छेद हैं।
भारतीय संविधान कब लागू हुआ ?
भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ।
भारतीय संविधान में नवीं अनुसूची का अर्थ क्या है ?
संविधान की नवीं सूची में संपत्ति के उत्तराधिकारी, सम्पति के अधिग्रहण इत्यादि के बारे में बताया गया है। नौवीं अनुसूची में शामिल विषयों को किसी भी कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती है।