देश में यूपीआई (UPI) ट्रांजेक्शन तेजी से बढ़ रहा है और स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वाले लगभग हर व्यक्ति के लिए यह डिजिटल भुगतान का प्रमुख साधन बन गया है। बड़े व्यापारी हों या सड़कों किनारे छोटे दुकान वाले, सभी अब क्यूआर कोड के जरिए यूपीआई से पेमेंट स्वीकार करते हैं। हालांकि, यूपीआई ट्रांजेक्शन की डेली लिमिट को लेकर लोगों के बीच कई सवाल उठते रहे हैं। अब इस समस्या का समाधान करते हुए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 16 सितंबर 2024 से यूपीआई की डेली लिमिट में बदलाव करने की घोषणा की है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
आरबीआई के निर्देश पर हुआ बदलाव
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 8 अगस्त 2024 को अपनी मॉनिटरी पॉलिसी मीटिंग के बाद यूपीआई ट्रांजेक्शन की लिमिट बढ़ाने का निर्णय लिया था। इसी के अनुरूप NPCI ने भी 16 सितंबर से विभिन्न यूपीआई एप्स, पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स, और बैंकों को यह बदलाव लागू करने का निर्देश दिया है। सभी संबंधित संस्थानों से अपने सिस्टम को अपडेट करने का अनुरोध भी किया गया है, ताकि यह नए नियमों के अनुसार सही ढंग से काम कर सके।
इन जगहों पर 5 लाख रुपये तक के पेमेंट की अनुमति
NPCI के नए नियमों के अनुसार, अब उपभोक्ता कुछ खास जगहों पर 5 लाख रुपये तक का ट्रांजेक्शन कर सकेंगे। इनमें टैक्स भुगतान (Tax Payment), अस्पताल के बिल (Hospital Bills), शैक्षणिक संस्थानों की फीस (Educational Fees), IPO और आरबीआई रिटेल डायरेक्ट स्कीम्स शामिल हैं। हालांकि, यह बढ़ी हुई लिमिट सभी तरह के ट्रांजेक्शन पर लागू नहीं होगी, बल्कि खास क्षेत्रों के लिए ही निर्धारित की गई है। इससे पहले भी NPCI ने दिसंबर 2021 और 2023 में यूपीआई की लिमिट में बदलाव किए थे।
UPI Circle: कई लोगों द्वारा एक अकाउंट से ट्रांजेक्शन
यूपीआई सर्कल (UPI Circle) के माध्यम से अब एक ही बैंक अकाउंट से कई लोग एक साथ ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। यह सुविधा व्यापारियों, स्टार्टअप्स और बड़े संगठनों के लिए फायदेमंद साबित होगी, जहां एक ही खाते से अनेक ट्रांजेक्शन करने की जरूरत होती है।
बैंक भी अपनी लिमिट सेट कर सकते हैं
बैंक अपने अनुसार यूपीआई ट्रांजेक्शन की डेली लिमिट सेट करने के लिए स्वतंत्र हैं। उदाहरण के लिए, इलाहाबाद बैंक की यूपीआई ट्रांजेक्शन लिमिट 25,000 रुपये है, जबकि एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक में 1 लाख रुपये तक के ट्रांजेक्शन किए जा सकते हैं। इसके अलावा, कैपिटल मार्केट, कलेक्शन, इंश्योरेंस और विदेशी लेनदेन (Foreign Inward Remittances) के लिए 2 लाख रुपये की डेली लिमिट निर्धारित की गई है।
नए नियमों से बढ़ेगी सहूलियत
यूपीआई ट्रांजेक्शन में यह बदलाव खासकर उन उपभोक्ताओं के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा, जिन्हें बड़े लेन-देन करने होते हैं। इससे न केवल लेन-देन की प्रक्रिया आसान होगी, बल्कि उपयोगकर्ताओं को बिना किसी बाधा के बड़े भुगतान करने में भी मदद मिलेगी।
NPCI द्वारा किए गए इस बदलाव से यूपीआई उपयोगकर्ताओं को बड़ी राहत मिली है। अब टैक्स, हॉस्पिटल बिल, शैक्षणिक फीस, और अन्य खास भुगतान के लिए 5 लाख रुपये तक का ट्रांजेक्शन संभव हो सकेगा। यह कदम डिजिटल भुगतान को और अधिक सुलभ और सरल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।